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Shingles

इस पेज में 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जानकारी है

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दाद (शिंगल्‍स) कितना दर्दनाक होता है?3

केवल ग्राफिकल प्रतिनिधित्व, पैमाने पर नहीं।

 

क्या आपको हर्पीस (शिंगल्‍स) होने का खतरा है?

क्‍या आप 50 साल उससे अधिक उम्र के हैं?

क्या आप प्रतिरक्षा में अक्षम हैं (कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है)?

क्या आपको कभी छोटी माता (चिकनपॉक्‍स) हुआ है?

क्‍या आपको मधुमेह (डाइबिटीज), अस्‍थमा या सीओपीडी है?

हर्पीस (शिंगल्‍स) और इसकी रोकथाम के बारे में और जानने के लिए, अपने डॉक्टर से सलाह लें

इस जोखिम जांच को दूसरों के साथ साझा करें और हर्पीस (शिंगल्‍स) और इसकी रोकथाम के बारे में अधिक समझने में उनकी सहायता करें।

हर्पीस (शिंगल्‍स) क्‍या है?

हर्पीस (शिंगल्‍स) क्‍या है?

हर्पीस (शिंगल्‍स), जिसे हर्पीस ज़ोस्टर भी कहा जाता है, वैरिसेला ज़ोस्टर वायरस के फिर से सक्रिय (एक्टिव) होने के कारण होता है। छोटी माता (चिकनपॉक्स) होने या वैरिसेला जोस्टर वायरस के संपर्क में आने के बाद, वायरस जीवन भर शरीर में निष्क्रिय रूप से रहता है। उम्र बढ़ने के साथ, प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्‍यून सिस्‍टम) स्वाभाविक रूप से कमजोर हो जाती है, जिसके कारण आमतौर पर निष्क्रिय वायरस फिर से हो सकता है, जिससे हर्पीस (शिंगल्‍स) हो सकता है।4

इसलिए, बुजुर्गो में हर्पीस (शिंगल्‍स) होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण आमतौर पर एक दर्दनाक, फफोलेदार दाना बनता है जो शरीर या चेहरे के एक तरफ दिखाई देता है।1,5

शिंगल्स के जोखिम को बढ़ाने वाली स्थितियाँ

मधुमेह (डायबिटीज)

लगभग 40% अधिक जोखिम23

ऑटोइम्यून रोग स्वप्रतिरक्षी रोग (गठिया, सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, सूजन युक्त आंत रोग)

1.2 से 2 गुना अधिक जोखिम21

फेफड़े की दीर्घकालिक बीमारियाँ (सीओपीडी, अस्थमा आदि)

लगभग 30% अधिक जोखिम22

हृदय रोग (कार्डियोवास्कुलर रोग)

लगभग 34% अधिक जोखिम21

शिंगल्स का पारिवारिक इतिहास

2.4 गुना अधिक जोखिम

कैंसर

2 गुना अधिक जोखिम21

तनाव

47% अधिक जोखिम21

हृदय रोग (कार्डियोवास्कुलर रोग)

लगभग 34% अधिक जोखिम21

मधुमेह (डायबिटीज)

लगभग 40% अधिक जोखिम23

ऑटोइम्यून रोग स्वप्रतिरक्षी रोग (गठिया, सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, सूजन युक्त आंत रोग)

1.2 से 2 गुना अधिक जोखिम21

फेफड़े की दीर्घकालिक बीमारियाँ (सीओपीडी, अस्थमा आदि)

लगभग 30% अधिक जोखिम22

हृदय रोग (कार्डियोवास्कुलर रोग)

लगभग 34% अधिक जोखिम21

मधुमेह (डायबिटीज)

लगभग 40% अधिक जोखिम23

ऑटोइम्यून रोग स्वप्रतिरक्षी रोग (गठिया, सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, सूजन युक्त आंत रोग)

1.2 से 2 गुना अधिक जोखिम21

फेफड़े की दीर्घकालिक बीमारियाँ (सीओपीडी, अस्थमा आदि)

लगभग 30% अधिक जोखिम22

हृदय रोग (कार्डियोवास्कुलर रोग)

लगभग 34% अधिक जोखिम21

हर्पीस (शिंगल्‍स) क्‍या है?

हर्पीस (शिंगल्‍स) के कारण आमतौर पर दर्दनाक और फफोलेदार दाने उभरते हैं, यह या तो धड़ के बाईं ओर या दाईं ओर दानों की पट्टी के रूप में उभरते हैं। यह धड़, बाहों, जांघों या सिर (आंखों या कानों सहित) पर विकसित हो सकता है। लोग अक्सर दर्द का वर्णन दर्द#, जलन#, चाकू मारने#, या झटके की तरह# के रूप में करते हैं।2 यह रोजाना आमतौर पर किए जाने वाले कामों में बाधा डाल सकता है, जैसे कपड़े पहनना, चलना और सोना।2,20

हर्पीस (शिंगल्‍स) क्‍या है?

शिंगल्स का संक्रमण कैसा महसूस होता है

शिंगल्स संक्रमण आमतौर पर त्वचा पर चकत्ते से शुरू होता है जो शरीर के एक छोटे हिस्से को प्रभावित करता है। प्रभावित व्यक्ति को दर्द भी हो सकता है जो बिजली के झटके लगने # या सुइयां चुभने # या शरीर पर उबलता पानी गिर जाने पर होने वाली जलन# जैसा महसूस होता है, चकत्ते दिखाई देने से 48-72 घंटे पहले शरीर के प्रभावित स्थानों में स्थानीय रूप से खुजली, झुनझुनी और सुन्नता महसूस होती है।2,11

लोगों को बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना या पेट खराब होने का भी अनुभव हो सकता है।10

इसलिए, यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो कृपया जल्दी से डॉक्टर से बात करें।

शिंगल्‍स रोग की संभावित जटिलताएं

हालांकि अधिकांश लोग हर्पीस (शिंगल्‍स) के संक्रमण से पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ सकता है।

  • पोस्टहेरपेटिक न्यूराल्जिया (पीएचएन)
  • आंख संबंधी रोग
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं
  • सुनने की समस्या और लड़खड़ना

पोस्टहेरपेटिक न्यूराल्जिया (पीएचएन)

पोस्टहेरपेटिक न्यूराल्जिया (PHN) एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो शिंगल्स से पीड़ित 25% लोगों को प्रभावित करती है। पोस्टहेरपेटिक न्यूराल्जिया के मुख्य लक्षणों में से एक तंत्रिका दर्द है जो शिंगल्स के चकत्ते ठीक होने के बाद महीनों या वर्षों तक बना रहता है। यह दर्द आमतौर पर शरीर के प्रभावित स्थानों में अनुभव होता है।14

आंख संबंधी रोग

हर्पीस ज़ोस्टर ऑप्थाल्मिकस (HZO) से पीड़ित 50% लोगों में नेत्र संबंधी जटिलताएँ होती हैं, एक शिंगल्स का एक प्रकार का चकत्ता होता है जिसमें आंख या नाक शामिल होती है। हर्पीस ज़ोस्टर ऑप्थाल्मिकस (HZO) से पीड़ित 30% तक लोगों को चीजें दोहरी दिखाई दे सकती हैं। आंख की ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान होने की संभावना न के बराबर होती है और यह समस्‍या हर्पीस ज़ोस्टर ऑप्थाल्मिकस (HZO) से पीड़ित 0.5% से कम लोगों में होती है।13

तंत्रिका संबंधी समस्याएं

एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसी तंत्रिका संबंधी जटिलताएं दुर्लभ हैं और ऐसे 1% लोगों में हो सकती हैं जिन्‍हें दाद (शिंगल्‍स) हुआ हो।15

सुनने की समस्या और लड़खड़ना

बहुत ही कम मामलों में, हर्पीस (शिंगल्‍स) के वायरस श्रवण प्रणाली (हीयरिंग सिस्‍टम) में फिर से सक्रिय हो सकते हैं, जिसके कारण हरपीज ज़ोस्टर ओटिकस हो सकता है। इसके लक्षणों में सुनना बंद हो जाना, चक्कर आना, कान बजना, चेहरे में काफी दर्द और चेहरे का पक्षाघात (रामसे हंट सिंड्रोम) शामिल हैं। हर्पीस (शिंगल्‍स) वाले 1% लोगों में संतुलन की समस्या विकसित हो सकती है।16

हर्पीस (शिंगल्‍स) के बाद उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की यह विस्तृत सूची नहीं है। अधिक जानकारी के लिए कृपया किसी डॉक्‍टर से बात करें।

हर्पीस (शिंगल्‍स) के बारे में आपको क्‍या पता होना चाहिए

हर्पीस (शिंगल्‍स) रोग किस कारण होता है?

वैरिसेला ज़ोस्टर वायरस के कारण छोटी माता (चिकनपॉक्स) और हर्पीस (शिंगल्‍स) (जिसे हर्पीस ज़ोस्टर भी कहा जाता है) होता है। एक व्यक्ति को छोटी माता (चिकनपॉक्स) होने के बाद, वायरस उसके शरीर में ही रह जाता है और निष्क्रिय हो जाता है। वायरस वर्षों बाद फिर से सक्रिय हो सकता है और उसके कारण हर्पीस (शिंगल्‍स) हो सकता है। हालाँकि, कई कारक हो सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति का प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्‍यून सिस्‍टम) कमजोर हो जाती है। प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्‍यून सिस्‍टम) जितनी अधिक कमजोर होती है, वायरस को फिर से सक्रिय होने से रोकने की संभावना उतनी ही कम होती जाती है। इसलिए, बुजुर्गों को हर्पीस (शिंगल्‍स) होने का खतरा अधिक होता है।

50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को हर्पीस ज़ोस्टर शिंगल्स का खतरा अधिक क्यों होता है?

सबसे पहले, जिस किसी को भी चिकनपॉक्स हुआ है, उसमें पहले से ही वायरस है जो हर्पीस ज़ोस्टर रोग का कारण बन सकता है। कुछ लोगों को चिकनपॉक्स हुआ है और उन्हें यह याद नहीं है या हो सकता है कि उन्हें इसका एहसास नहीं हुआ होगा। किसी भी तरह से, अगर वायरस फिर से सक्रिय हो जाता है, भले ही वे कितना स्वस्थ महसूस करें, तो उनमें शिंगल्स के लक्षण विकसित हो सकते हैं।

कमजोर इम्‍यूनिटी वाले लोगों में शिंगल्स विकसित होने का खतरा अधिक होता है। और चूंकि उम्र के साथ समय के साथ इम्‍यूनिटी स्वाभाविक रूप से कमजोर हो जाती है, इसलिए  50 वर्ष की आयु के बाद लोगों में इसका खतरा अधिक होता है।

वृद्ध वयस्कों में भी पोस्ट-हर्पेटिक न्यूराल्जिया (PHN) जैसी जटिलताएँ होने का खतरा बढ़ जाता है।

क्या हर्पीस (शिंगल्‍स) संक्रामक है?

यदि आप जीवन में कभी चिकनपॉक्स से संक्रमित होते हैं तो शिंगल्स का कारण बनने वाला वायरस आपके शरीर में पहले से ही  मौजूद होता है। यह फिर से सक्रिय होने तक निष्क्रिय रहता है। इसलिए, आप इसे दूसरे को नहीं दे सकते हैं।

हालांकि, शिंगल्स संक्रामक होने के कारण, अगर उन्हें जीवन में कभी चिकनपॉक्स नहीं हुआ है या वे इससे सुरक्षित नहीं हैं, तो यह किसी और को संक्रमित कर सकता है। यह वायरस तब फैल सकता है, जब वह व्यक्ति शिंगल्स से ग्रसित किसी व्यक्ति के फफोले के सीधे संपर्क में आता है, जिससे उसे चिकनपॉक्स हो जाता है।

हर्पीस (शिंगल्‍स) के दाने कितने समय तक रहते हैं?

दाद आमतौर पर एक दर्दनाक दाने पैदा करता है जो अक्सर फफोले, और 10 से 15 दिनों में पपड़ी बन जाता है और 2 से 4 सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। यह आमतौर पर शरीर या चेहरे के एक तरफ दिखाई देता है।10 हर्पीस ज़ोस्टर से पीड़ित लोगों को उस क्षेत्र में दर्द, खुजली या झुनझुनी हो सकती है जहां दाने विकसित होंगे।11

क्या तनाव से मुझे हर्पीस (शिंगल्‍स) होने का खतरा बढ़ जाता है?

एक संभावना है कि तनाव के कारण आपको हर्पीस (शिंगल्‍स) होने का खतरा बढ़ जाए। ऐसा माना गया है कि हर्पीस (शिंगल्‍स) के विकास के लिए उम्र सबसे महत्वपूर्ण कारक है। ज्यादातर हर्पीस (शिंगल्‍स) के मामले 50 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में होते हैं।

अधिक जानने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

चिकनपॉक्स और शिंगल्स वायरस के बीच क्या संबंध है?

चिकनपॉक्स एक बहुत ही संक्रामक बीमारी है जिसके कारण आमतौर पर पूरे शरीर में छाले जैसे दाने हो जाते हैं, खुजली और बुखार हो जाता है। चिकनपॉक्स वायरस फिर से सक्रिय हो सकता है, और शिंगल्स का कारण बन सकता है। शिंगल्स से पीड़ित लोगों को शरीर के एक हिस्से में दर्द, खुजली, झुनझुनी का अनुभव और फफोले हो सकते हैं, जो हफ्तों तक रह सकते हैं।

अगर मुझे चिकनपॉक्स नहीं हुआ है, तो भी क्या मुझे हर्पीस ज़ोस्टर शिंगल्स होने का खतरा है?

जिन व्यक्तियों को कभी चिकनपॉक्स का अनुभव नहीं हुआ है या जिन्हें चिकनपॉक्स का टीका नहीं लगा है, वे शिंगल्स से पीड़ित व्यक्तियों के संपर्क में आने पर वैरिसेला जोस्टर वायरस (VZV) से संक्रमित हो सकते हैं। यह संक्रमण शिंगल्स के चकत्ते या फफोले से निकलने वाले तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से या फफोले से निकलने वाले वायरस के कणों का उनके शरीर में प्रवेश होने से हो सकता है। संक्रमण की स्थिति में, इन व्यक्तियों में शिंगल्स के लक्षणों के बजाय चिकनपॉक्स के लक्षण दिखाई देंगे और जीवन में बाद में शिंगल्स की समस्या विकसित हो सकती है।

हरपीज ज़ोस्टर ऑप्थेल्मिकस क्या है?

हरपीज ज़ोस्टर ऑप्थेल्मिकस एक दाद वाला संक्रमण होता है जो आंख और आंख के आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में माथे पर दाने और पूरे नसों में दर्दनाक सूजन शामिल हैं।

हर्पीस: रोकथाम और उपचार के विकल्प

यदि आपके माता-पिता या परिवार के बुजुर्गों को हर्पीस (शिंगल्‍स) हो जाता है, तो हर्पीस (शिंगल्‍स) और उसकी रोकथाम के बारे में और जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

हर्पीस (शिंगल्‍स) की रोकथाम के विकल्‍प हर्पीस (शिंगल्‍स) वायरस के फिर से सक्रिय होने के कारण होता है जो छोटी माता (चिकनपॉक्स) के बाद शरीर में ही रह जाता है। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति को चिकनपॉक्स (छोटी माता) नहीं हुआ है, तो उन्हें छोटी माता (चिकनपॉक्स) और हर्पीस (शिंगल्‍स) वाले लोगों के संपर्क से बचने के लिए कहें। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि छोटी माता (चिकनपॉक्स) के विकास के जोखिम को कम करने के लिए वे सभी हाथ और खाँसी से संबंधित स्वच्छता का पालन कर रहे हों।4,9

हर्पीस (शिंगल्‍स) की रोकथाम में मदद के लिए सबसे अच्छे तरीके क्या हैं?

टीकाकरण (वैक्‍सीनेशन) हर्पीस (शिंगल्‍स) को रोकने में मदद कर सकता है। हर्पीस (शिंगल्‍स) और इसकी रोकथाम के बारे में और जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

हर्पीस (शिंगल्‍स) की रोकथाम में टीकाकरण (वैक्‍सीनेशन) कैसे मदद करता है?

टीकाकरण (वैक्‍सीनेशन) आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्‍यून सिस्‍टम) को बेहतर करता है ताकि यह हर्पीस (शिंगल्‍स) के वायरस से लड़ सके और इसे फिर से सक्रिय होने से रोक सके।

हर्पीस (शिंगल्‍स) का उपचार कैसे करें या इसे ठीक कैसे करें?

उपचार बीमारी की गंभीरता और अवधि को कम कर सकता है और आपके लक्षणों के आधार पर, वायरस को कमजोर करना और/या दर्द से राहत दिलाना शामिल हो सकता है

अगर आपको लगता है कि आपको हर्पीस (शिंगल्‍स) हो सकता है, तो कृपया जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपके लक्षणों की गंभीरता और अवधि को कम करने में मदद के लिए उपयुक्त दवाएं लिख सकते हैं।

 

लक्षणों को ठीक करने के लिए सामान्य सलाह:

  • संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए दाने को साफ और सूखा रखें
  • ढीले-ढाले कपड़े पहनें
  • दिन में कई बार ठंडी सिकाई का प्रयोग करें

हर्पीस (शिंगल्‍स) और इसकी रोकथाम के बारे में और जानने के लिए डॉक्टर से बात करें।

#दादकीरोकथाम

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संदर्भ